. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र Shiv chaisa